सौर समयFrom Wikipedia, the free encyclopedia आसमान में सूरज के अवस्थिति के आधार पर समय के चले के लेखा जोखा के सौर्य समय कहल जायेला। सौर्य समय कि मुलभुत इकाई दिन होखेला। दु तरह के सौर्य समय आभासी सौर्य समय (सूरज के भांप के समय मालूम करल) आ सौर्य समय (घड़ी के आधार पर) बा। प्रोग्रेड ग्रह जइसे कि पृथ्वी पर साइडिरियल दिन सौर्य दिन से छोट होखेला। समय 1 पर, सूरज आ दूर के तारा दुनो सीधे कपार के ऊपर पड़त बा। समय 2 पर, ग्रह 360° चक्कर लगा चुकल बा आ दूर के तारा फिर से सीधे कपार पर पड़ रहल बा (1→2 = एक साइडरियल दिन भइल)। पर तनिक देर बाद तक इ शर्त लागु ना रही, समय 3 पर, सूरज फिर से कपार पर पड़ रहल बा (1→3 = एक सौर्य दिन)। साधारण रूप से कहल जाव त, 1-2 में पृथ्वी के घूर्णन पूर्ण हो रहल बा, पर काहे कि पृथ्वी चारों ओर से सूरज के चक्कर लगावेला त इ के चलते पृथ्वी के 360° पूरा कर के थोड़ा सा अउर घूमे के पड़ेला सूरज से पूर्ण रूप से आमना-सामना होखे खातिर,1-3 में दिखावल गइल बा कि सूरज से आमना-सामना करे खातिर अउर केतना समय लागि।
आसमान में सूरज के अवस्थिति के आधार पर समय के चले के लेखा जोखा के सौर्य समय कहल जायेला। सौर्य समय कि मुलभुत इकाई दिन होखेला। दु तरह के सौर्य समय आभासी सौर्य समय (सूरज के भांप के समय मालूम करल) आ सौर्य समय (घड़ी के आधार पर) बा। प्रोग्रेड ग्रह जइसे कि पृथ्वी पर साइडिरियल दिन सौर्य दिन से छोट होखेला। समय 1 पर, सूरज आ दूर के तारा दुनो सीधे कपार के ऊपर पड़त बा। समय 2 पर, ग्रह 360° चक्कर लगा चुकल बा आ दूर के तारा फिर से सीधे कपार पर पड़ रहल बा (1→2 = एक साइडरियल दिन भइल)। पर तनिक देर बाद तक इ शर्त लागु ना रही, समय 3 पर, सूरज फिर से कपार पर पड़ रहल बा (1→3 = एक सौर्य दिन)। साधारण रूप से कहल जाव त, 1-2 में पृथ्वी के घूर्णन पूर्ण हो रहल बा, पर काहे कि पृथ्वी चारों ओर से सूरज के चक्कर लगावेला त इ के चलते पृथ्वी के 360° पूरा कर के थोड़ा सा अउर घूमे के पड़ेला सूरज से पूर्ण रूप से आमना-सामना होखे खातिर,1-3 में दिखावल गइल बा कि सूरज से आमना-सामना करे खातिर अउर केतना समय लागि।