अग्नाशय कैंसर
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पैंक्रिएटिक कैंसर अग्नाश्य का कैंसर होता है। प्रत्येक वर्ष अमेरिका में ४२,४७० लोगों की इस रोग के कारण मृत्यु होती है। इस कैंसर को शांत मृत्यु (साइलेंट किलर) भी कहा जाता है, क्योंकि आरंभ में इस कैंसर को लक्षणों के आधार पर पहचाना जाना मुश्किल होता है और बाद के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। सामान्यत: इस कैंसर के लक्षणों में एबडोमेन के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है, भूख कम लगती है, तेजी से वजन कम होने की दिक्कतें, पीलिया, नाक में खून आना, उल्टी होना जैसी शिकायत होती है।
अग्नाशय कैंसर वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
अग्नाशय की स्थिति | |
आईसीडी-१० | C25. |
आईसीडी-९ | 157 |
ओएमआईएम | 260350 |
डिज़ीज़-डीबी | 9510 |
मेडलाइन प्लस | 000236 |
ईमेडिसिन | med/1712 |
एम.ईएसएच | D010190 |
अग्नाशय का कैंसर | |
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अग्नाशय का कैंसर | |
विशेषज्ञता क्षेत्र | गैस्ट्रोएंटरोलॉजी हेपेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी |
लक्षण | पीली त्वचा, पेट या पीठ में दर्द, अस्पष्टीकृत वजन घटना, हल्के रंग का मल, गहरे रंग का मूत्र, भूख न लगना |
उद्भव | 40 साल की उम्र के बाद |
संकट | तम्बाकू धूम्रपान, भारी शराब का सेवन, मोटापा, मधुमेह, कुछ दुर्लभ आनुवंशिक स्थितियां |
निदान | चिकित्सा इमेजिंग, रक्त परीक्षण, ऊतक बायोप्सी |
निवारण | धूम्रपान न करना, कम शराब का सेवन, स्वस्थ वजन बनाए रखना, कम रेड मीट आहार |
चिकित्सा | सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, उपशामक देखभाल |
चिकित्सा अवधि | पांच साल की जीवित रहने की दर 6% |
आवृत्ति | 393,800 (2015) |
बड़ी उम्र (60 से ऊपर), पुरुष, धूम्रपान, खाने में सब्जियों और फल की कमी, मोटापा, मधुमेह, आनुवांशिकता भी कई बार पैंक्रिएटिक कैंसर की वजह होते हैं। पैंक्रिएटिक कैंसर से पीड़ित ज्यादातर रोगियों को तेज दर्द, वजन कम होना और पीलिया जैसी बीमारियां होती हैं। डायरिया, एनोरेक्सिया, पीलिया वजन कम होने की मुख्य वजह होती है।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने इसके लिए किसी भी तरह के दिशा-निर्देश नहीं बनाए हैं, हालांकि धूम्रपान को इस कैंसर के लिए 20 से 30 प्रतिशत तक जिम्मेदार माना जाता है। सितंबर 2006 में हुए एक अध्ययन में कहा गया था कि विटामिन डी का सेवन करने से इस कैंसर के होने की संभावना कम हो जाती है।