एंड्रयू स्ट्रॉस
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एंड्रयू जॉन स्ट्रॉस एमबीई (MBE) (जन्म 2 मार्च 1977) एक अंग्रेज क्रिकेटर हैं जो मिडलसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलते हैं और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान हैं। बाएं हाथ के धुआंधार सलामी बल्लेबाज स्ट्रॉस बैकफुट पर खेलना पसंद करते हैं, ज्यादातर कट और पुल शॉट्स लगाते हैं। स्ट्रॉस को स्लिप तथा कवर क्षेत्र में उनके मजबूत क्षेत्ररक्षण के लिए भी जाना जाता है।
उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत 1998 में की थी तथा पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच श्रीलंका के खिलाफ 2003 में खेला था। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 2004 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध लॉर्ड्स में घायल माइकल वॉन के स्थान पर खेल कर शीघ्र ही प्रसिद्धि प्राप्त की। [1] इंग्लैंड की विजय में उन्होंने 112 तथा 83 (रन आउट) स्कोर बनाए तथा मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीता, वे अपने पहले ही मैच में लॉर्ड्स में शतक बनाने वाले मात्र चौथे खिलाड़ी बन गए, वे अपने पहले ही मैच की दोनों परियों में शतक बनाने वाले पहले अंग्रेज खिलाड़ी बनने से जरा ही चूक गए।[2][3] स्ट्रॉस ने दिसम्बर 2004 में दक्षिण अफ्रीका के पोर्ट एलिजाबेथ में, विदेश में अपने पहले ही मैच में फिर से लगभग दो शतक बनाए (126 औप 94 नाबाद) तथा उन्हें मैन ऑफ द मैच नामित किया गया।[4] स्ट्रॉस 2007 के दौरान स्ट्रॉस को अपने खेल स्तर में गिरावट का सामना करना पड़ा, परिणामस्वरूप उन्हें इंग्लैंड के श्रीलंका दौरे के लिए टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया तथा घोष्णा की गई कि वे क्रिकेट से छुट्टी ले रहे थे।[5] इंग्लैंड के एक खराब दौरे के बाद 2008 में, स्ट्रॉस को न्यूजीलैंड के दौरे के लिए टीम में वापस बुलाया गया था और तदनंतर श्रृंखला के तीसरे और अंतिम टेस्ट में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 177 बना कर तथा आगे 2008 में तीन और शतक जमा कर खुद को टीम में पुनर्स्थापित किया।
2006 में माइकल वॉन के स्थान पर इंग्लैंड के कार्यकारी कप्तान बने स्ट्रॉस को 2008/09 में केविन पीटरसन के त्यागपत्र के बाद वेस्ट इंडीज दौरे के लिए स्थाई तौर पर इंग्लैंड का कप्तान नियुक्त कर दिया गया।[2] उन्होंने तीन शतक जमा कर सफलता का आनंद लिया और 2009 के लिए अपनी कप्तानी बरकरार रखी. 2009 ऐशेज श्रृंखला में दोनों ओर के खिलाड़ियों में सर्वाधिक 474 रन बना कर स्ट्रॉस ने इंग्लैंड की टीम को 2-1 से विजय दिलाई,[6] जिसमें लॉर्ड्स में 75 सालों में किसी ऐशेज टेस्ट में इंग्लैंड की पहली जीत में उनके 161 रन शामिल थे।[7]