एक्स-किरण स्पेक्ट्रमिकी
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स्पेक्ट्रमिकी के इस विभाग में एक्स किरणों के स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया जाता है। इससे परमाणुओं की संरचना का ज्ञान प्राप्त करने में सहायता मिलती है। एक्स किरणों की खोज डब्ल्यू॰के॰ रुटगेन (W. K. Rontgen) ने 1895 ई. में की थी। ये किरणें भी विद्युत् चुंबकीय तरंगें होती हैं। एक्स किरणों का तरंगदैर्घ्य बहुत छोटा, 100 एंग्स्ट्रॉम से 1 एंग्स्ट्रॉम तक होता है। स्पेक्ट्रमिकी के इस विभाग की नींव डालनेवाले वैज्ञानिकों में हेनरी जेफ्री मोस्ले, ब्रैग और लावे के नाम उल्लेखनीय हैं।
जब तीव्र गति से चलते हुए इलेक्ट्रानों की धारा को किसी धातु के "टार्जेंट" पर रोक दिया जाता है तब उससे एक्स-किरणें निकलने लगती हैं। इनसे प्राप्त स्पेक्ट्रम दो प्रकार के होते हैं-रेखा स्पेक्ट्रम और सतत स्पेक्ट्रम। रेखा स्पेक्ट्रम टार्जेट के तल का लाक्षणिक स्पेक्ट्रम (Charactgeristic Spectrum) होता है। सतत स्पेक्ट्रम में एक सीमित क्षेत्र की प्रत्येक आवृत्ति की रश्मियाँ होती हैं। इस स्पेक्ट्रम की उच्चतम आवृत्तिसीमा तीक्ष्ण और स्पष्ट होती है किंतु निम्न आवृत्तिसीमा निश्चित नहीं होती है। उच्चतम आवृत्तिसीमा को एक्स-स्पेक्ट्रम की क्वांटम-सीमा कहते हैं।