कक्षीय संकरण
hybridisation / From Wikipedia, the free encyclopedia
रासायनिकी में, लगभग समान ऊर्जा वाले पारमाण्विक कक्षकों के परस्पर मिलकर ऊर्जा के पुनर्वितरण द्वारा समान ऊर्जा तथा आकार वाले कक्षकों को बनाने की प्रक्रिया को कक्षीय संकरण (orbital hybridization) कहते हैं। बहुपारमाण्विक अणुवों की विशिष्ट भूमितीय आकृतियों को स्पष्ट करने हेतु पौलिङ ने परमाणु कक्षकों के संकरण का सिद्धान्त प्रस्तावित किया। इसके अनुसार परमाणु कक्षक संयोजित होकर समतुल्य कक्षकों का समूह बनाते हैं। इन कक्षकों को संकर कक्षक कहते हैं। आबन्ध विरचन (bond formation) में परमाणु शुद्ध कक्षकों के स्थान पर संकर कक्षकों का प्रयोग करते हैं। उदाहरणार्थ, कार्बन का एक 2s कक्षक तथा तीन 2p कक्षक संकरण द्वारा चार नूतन sp³ संकर कक्षक बनाते हैं।