भारतीय थलसेना
भारतीय सशस्त्र बल की भूमि आधारित शाखा / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारतीय स्थल सेना , सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है,[6] और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पाँच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतन्त्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई की और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये।[7]
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भारतीय सेना | |
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स्थापना | 1 अप्रैल 1895; 129 वर्ष पूर्व (1895-04-01) |
देश | भारत |
प्रकार | थलसेना |
विशालता | 12,00,255 सक्रिय कर्मिक[1] 9,90,960 रिजर्व कर्मीक[2] ~232 विमान[3][4] |
का भाग | भारतीय सशस्त्र सेनाएँ |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
आदर्श वाक्य | "सर्विस बिफोर सेल्फ़" (स्वपूर्व सेवा) |
रंग | सुनहरा, लाल और काला |
वर्षगांठ | 15 जनवरी – सेना दिवस |
जालस्थल | indianarmy.nic.in |
सेनापति | |
थलसेनाध्यक्ष | जनरल मनोज पांडे[5] |
उप सेनाप्रमुख | लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार |
प्रसिद्ध सेनापति | फ़ील्ड मार्शल के॰एम॰ करिअप्पा फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ |
बिल्ला | |
ध्वज | |
प्रयुक्त वायुयान | |
हैलीकॉप्टर | एचएएल रुद्र |
परिवहन | एचएएल ध्रुव, एचएएल चेतल, एचएएल चीता और चीतल |
भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आन्तरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शान्ति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आन्तरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है।[8] सेना अब तक पड़ोसी देश इस्लामी पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शान्ति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शान्ति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कम्बोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। राजस्थान के झुंझुनूं जिले को सैनिकों का शहर कहा जाता है।
भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 12,00,255 सक्रिय सैनिकों[9][10] और 9,90,960 आरक्षित सैनिकों[11] के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबन्द, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.[12][13][14]