मित्तानी साम्राज्य
1500-1300 ईसा पूर्व, सीरिया से उत्तरी सीरिया और दक्षिण-पूर्व एनाटोलिया में स्थित साम्राज्य / From Wikipedia, the free encyclopedia
मित्तानी साम्राज्य यह सा्म्राज्य कई सदियों तक (१६०० -१२०० ईपू) पश्चिम एशीया में राज करता रहा।[1] इस वंश के सम्राटों के संस्कृत नाम थे। विद्वान समझते हैं कि यह लोग महाभारत के पश्चात भारत से वहां प्रवासी बने। कुछ विद्वान समझते हैं कि यह लोग वेद की मैत्रायणीय शाखा के प्रतिनिधि हैं।
सामान्य तथ्य मित्तानी साम्राज्य, राजधानी ...
मित्तानी साम्राज्य | |||||||||||
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ल. 1600 BC – ल. 1260 BC | |||||||||||
Kingdom of Mitanni at its greatest extent under Parshatatar c. 15th century BC | |||||||||||
राजधानी | वसुखानी | ||||||||||
प्रचलित भाषाएँ | Hurrian | ||||||||||
धर्म |
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सरकार | Monarchy | ||||||||||
King | |||||||||||
• ल. 1540 BC | Kirta (first known) | ||||||||||
• ल. 1300 BC | Shattuara II (last) | ||||||||||
ऐतिहासिक युग | कांस्य युग | ||||||||||
• स्थापित | ल. 1600 BC | ||||||||||
• अंत | ल. 1260 BC | ||||||||||
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मित्तानी देश की राजधानी का नाम वसुखानी (धन की खान) था।
इस वंश के वैवाहिक सम्बन्ध मिस्र से थे। एक धारणा यह है कि इनके माध्यम से भारत का बाबिल, मिस्र और यूनान पर गहरा प्रभाव पडा।