संपीड़ित प्राकृतिक गैस
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संपीडित प्राकृतिक गैस (अंग्रेज़ी - Compressed Natural Gas, संक्षेप में CNG, सीएनजी) प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ज्वलनशील गैस को अत्यधिक दबाब के अन्दर रखने से बने तरल को कहते हैं।[1] इस गैस को वाहनों में प्रयोग करने के लिए २०० से २५० किलोग्राम प्रति वर्ग से.मी. तक दबाया जाता है। प्राकृतिक गैस को दबाकर कम करने का प्रमुख उद्देश्य यह है कि यह आयतन कम घेरे और इंजन के दहन प्रकोष्ठ में उपयुक्त दाब के साथ प्रवेश करे। चूंकि यह प्राकृतिक गैस का ही संपीड़ित रूप है, इसलिए सीएनजी का रासायनिक संगठन भी वही होता है, जो बगैर दबाई गई गैस का होता है। प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी के अवयव हैं, मीथेन, ईथेन और प्रोपेन। प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी. भी रंगहीन, गंधहीन और विषहीन होती है।
यह हवा से मामूली सी हल्की होती है। इसका प्रयोग ईंधन की तरह और कई देशों में वाहनों को चलाने के लिए ऊर्जा स्रोत की तरह किया जाता है। इसका प्रमुख संघटक मिथेन गैस होती है, जो सामान्यतः ७५-९८% की मात्रा में रहती है। इसको प्रायः २००-२२० 'बार' (यानि २०-२२ मेगापास्कल) के सिलिंडरों में भंडारित किया जाता है। इसका प्रयोग डीजल इंजन तथा पेट्रोल इंजन दोनों में किया जाता है। पहले इसे २२० 'बार' से ५ 'बार' पर प्रथम चरण विघटक द्वारा लाया जाता है जिसके बाद इस प्रयोग के लिए (लगभग १.३ 'बार') द्वितीय चरण विघटक द्वारा लाया जाता है। इसके बाद इसे प्रयोग किया जाता है। वायुमंडलीय दबाब के २०० गुणा अधिक दाब पर रहने के बावजूद यह गैस की अवस्था में ही रहता है। पर अत्यधिक दबाव बनाने से यह द्रव बन जाता है और तब इसे तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) कहते हैं। संपीड़न से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन काफ़ी कम हो जाता है इस कारण पर्यावरण को बचाने को उत्सुक कई देश-प्रदेशों की सरकारों ने इसके प्रयोग करने को जनता को बाध्य या प्रोत्साहित किया है।
संपीड़ित गैस के कई लाभ होते हैं। पर्यावरण के लिहाज से यह गैस बेहतर मानी जाती है। पैट्रोल और डीजल की तुलना में यह कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और जैविक गैसें कम उत्सर्जित करती हैं। पैट्रोल और डीजल गाड़ियों की तुलना में सी.एन.जी. का खर्च कम होता है।