हाना आरेंट
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योहाना "हाना" कोह्ण आरेंट (अंग्रेज़ी: Johanna "Hannah" Cohn Arendt/ Hannah Arendt) 14 अक्टूबर 1906-4 दिसंबर 1975), जिन्हें हाना आरेंट ब्ल्यूचर (Hannah Arendt Bluecher) के नाम से भी जाना जाता है, एक जर्मन-अमेरिकी दार्शनिक और राजनीतिक सिद्धांतकार थीं। अधिनायकवाद से लेकर महामारी विज्ञान तक के विषयों पर उनकी कई पुस्तकों और लेखों का राजनीतिक सिद्धांत पर स्थायी प्रभाव रहा है। आरेंट को व्यापक रूप से बीसवीं शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक दार्शनिकों में से एक माना जाता है।
हाना आरेंट | |
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1975 में आरेंट | |
जन्म |
योहाना कोह्न आरेंट 14 अक्टूबर 1906 Linden-Limmer, Prussian Hanover, German Empire |
मौत |
4 दिसम्बर 1975(1975-12-04) (उम्र 69) मैनहैटन, न्यू यार्क नगर, संयुक्त राज्य अमेरिका |
समाधि | बार्ड कालेज, न्यू यार्क, अमेरिका |
उपनाम | हाना आरेंट ब्ल्यूचर |
नागरिकता |
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जीवनसाथी |
Günther Stern (वि॰ 1929; वि॰वि॰ 1937) Heinrich Blücher (वि॰ 1940; नि॰ 1970) |
माता-पिता |
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संबंधी |
मैक्स आरेंट (दादा) हेनरिएट आरेंट |
बार्ड कालेज, न्यू यार्क, अमेरिका | |
हस्ताक्षर | |
वेबसाइट hac |
अपने साहित्य में, उन्होंने मानव समाज में शक्ति (power), राजनीति, अधिनायकवाद आदि के मुद्दों के सैद्धांतिक विवरणों की व्याख्या की है। वे जर्मन दार्शनिक मार्टिन हाइडेगर की शिष्या थीं।
उनका जन्म जर्मनी में एक यहूदी हुआ था, और वे स्वयं यहूदी नरसंहार (Holocaust) की साक्षी बनीं थीं। इसका और हाइडेगर का उनके विचरण पर काफ़ी प्रभाव पड़ा। वे लोकतंत्र का समर्थन करती थीं और अधिनायकवाद (और उससे जन्मे सर्वसत्तावाद) की धुर विरोधी थीं।