अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत युद्ध
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1979-1989 के बीच सोवियत सेना तथा मुज़ाहिदीन लड़ाकों के बीच लड़ा गया अफ़ग़निस्तानी गृहयुद्ध था। मुज़ाहिदीन, अफ़ग़निस्तान की साम्यवादी सरकार का तख्तापलट करना चाहते थे, जिसे सोवियत रूस का समर्थन प्राप्त था। मुजाहिदीन घुसपैठियों को अमेरिका तथा पाक़िस्तान का समर्थन प्राप्त था। यह 1989 में सोवियत सैनिकों की हार और वापसी में समाप्त हो गया।
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मुजाहिदीनों को पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान और चीन में युद्ध का प्रशिक्षण दिया गया जिसके लिए सऊदीअरब, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने आर्थिक सहायता दी। एक दशक तक चले इस युद्ध ने लाखो अफगानियों को अपना राष्ट्र छोड़ पाकिस्तान और ईरान में शरण लेने पे मजबूर किया, जबकि लाखों की संख्या में अफगानी युद्ध में मारे गए। २४ दिसम्बर १९७९, ४०वी सोवियत आर्मी के अफगानिस्तान में हस्तक्षेप के साथ सोवियत नेता लियोनिद ब्रेज्ह्नेव के द्वारा शुरू किये गए इस अभियान का अंतिम चरण १५ मई १९८९ में सोवियत सेना की क्रमबद्ध वापसी से शुरू हुआ जिसको अंतिम रूप मिखाइल गोर्बाचेव के नेतृत्व वाली सरकार ने १५ फ़रवरी १९८९ दिया.