भारत का प्रधानमन्त्री
भारत गणराज्य के शासनाध्यक्ष / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री (सामान्य वर्तनी: प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है।[उद्धरण चाहिए] भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों को लेकर संसद के प्रति जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है।[उद्धरण चाहिए]
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भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री Prime Minister of India, भारत | |
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शैली |
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प्रकार | शासनप्रमुख |
सदस्य | केन्द्रीय मंत्रिमण्डल नीति आयोग संसद |
उत्तरदाइत्व | भारतीय संसद राष्ट्रपति |
आवास | ७, लोक कल्याण मार्ग, नई दिल्ली, भारत |
अधिस्थान | प्रधानमन्त्री कार्यालय, साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली, भारत |
नियुक्तिकर्ता | राष्ट्रपति रीतिस्पद रूपतः लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने की क्षमता द्वारा |
अवधि काल | राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत[1] परंपरागत रूप से, लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने की क्षमता पर लोकसभा की दीर्घतम कार्यावधि ५ वर्ष होती है, बशर्ते की कार्यकाल समापन के पूर्व ही सभा भंग न की जाए तो। कायर्काल पर किसी भी प्रकार की समय-सीमा रेखकांकित नहीं की गयी है। |
उद्घाटक धारक | जवाहरलाल नेहरू |
गठन | 15 अगस्त 1947; 76 वर्ष पूर्व (1947-08-15) |
वेतन | ₹2.8 लाख (US$4,100) (वार्षिक, ₹9,60,000 (US$14,016) संसदीय वेतन समेत) |
वेबसाइट | pmindia |
सैद्धान्तिक रूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिक रूप में, शासनतन्त्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति में निहित करता है तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति के पास इन अधिकारों को प्रयोग करने के लिए अधीनस्थ अधिकारी होंगे।[2] संविधान द्वारा राष्ट्रपति को सलाह देने की शक्ति प्रधानमन्त्री को दी गयी है।[3] संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्री पद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मन्त्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोड़ना पड़ता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषदका गठन करता है। राष्ट्रपति मन्त्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मन्त्रियों के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के मन्त्रियों को निर्देश भी वही देता है तथा सभी कार्यकारी निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मन्त्रिषद के मध्य सम्पर्क सूत्र भी वही हैं। मन्त्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है।[उद्धरण चाहिए] संसद मे हो रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है।
प्रधानमन्त्री, आम तौर पर लोकसभा में बहुमत-धारी राजनैतिक दल का नेता होता है। उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जब तक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो।
संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को कार्यपालिका पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, पहली सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था[4] तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था।[5][6][7] उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था।[8][9]
इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ को, संविधान के प्रवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान (सन् २०२२) प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था।