मधु
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मधु चाहे शहद (अंग्रेजी: Honey) एगो मीठ, गाढ़ लसेदार चीज हवे जे खाये के कामे आवे ला आ ई मधुमाछी आ कुछ अउरी संबंधित किरौना[नोट 1] सभ द्वारा बनावल जाला।[1] मधुमक्खी सभ पौधन के फूल में मौजूद मीठ रस चूस के आ ओकरा के एक किसिम के पाचन क के बनावे लीं जेह में एंजाइम के कुछ प्रक्रिया आ पानी के बास्पीकरण होखे ला। ओकरे बाद मधुमक्खी मधु के अपना मोम के बनल छत्ता में सहेज देलीं।[1][2] मधुमाछी (जाति एपिस) के बनावल बिबिध प्रकार के मधु सभसे बेसी चलन में बा जेकरा आदमी तरह-तरह से भोजन आ दवा-बीरो में इस्तमाल करे ला आ एकर बानिज्यिक रूप से उत्पादन आ बिक्री होला।[3] मधु निकाले के काम प्राकृतिक चाहे जंगली छत्ता सभ से भी होखे ला आ बनावटी छत्ता सभ से भी निकालल जाला जहाँ पालतू मधुमक्खी एकरा के बनावे लीं; ई दुसरका तरीका के मधुमक्खी पालन (एपिकल्चर) कहल जाला।
मधु में मिठास मोनोसैक्राइड फ्रक्टोज आ ग्लूकोज से आवे ला, आ ई लगभग ओतने मिठास वाला होला जेतना कि आम घरेलू चीनी (सुक्रोज) होले।[4][5] सेंक के पकवान बनावे में मने कि बेकिंग में ई अपना कुछ रासायनिक गुण के चलते पसंद कइल जाला आ एह में एगो आपन खास किसिम के सुगंध होल अगर एकरा के कौनों चीज के मीठ करे खातिर ओह में मिलावल जाय।[4] बहुत सारा सूछ्मजीव मधु में पैदा ना हो सके लें, एही कारन अगर एकरा के सीलबंद डिब्बा भा जार में रखल जाय, ई जल्दी खराब ना होला, इहाँ तक कि हजार साल ले ना बिगड़ सके ला।[6][7] Fifteen मिलीलिटर (1 US tablespoon) मधु से लगभग 190 किलोजूल (46 किलोकैलोरीs) भोजन वाली एनर्जी (ऊर्जा) मिले ला[8]
मधु एकट्ठा करे आ भोजन में एकरे इस्तेमाल के इतिहास बहुते पुराना बाटे, प्राचीन काल के ई होखत आ रहल बाटे। स्पेन के एगो गुफा "केवास दे ला अराना" (Cuevas de la Araña) में अइसन गुफा-पेंटिंग चिन्हित कइल गइल बाड़ी स जिनहन में करीबन 8,000 हजार बरिस पहिले मधु के इस्तेमाल होखे के परमान मिलल बाटे।[9][10]