आलमआरा (1931 फ़िल्म)
हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र / From Wikipedia, the free encyclopedia
आलमआरा (विश्व की रौशनी) 1931 में बनी हिन्दी भाषा और भारत की पहली सवाक (बोलती) फिल्म है। इस फिल्म के निर्देशक अर्देशिर ईरानी हैं। ईरानी ने सिनेमा में ध्वनि के महत्त्व को समझते हुए, आलमआरा को और कई समकालीन सवाक फिल्मों से पहले पूरा किया। आलम आरा का प्रथम प्रदर्शन मुंबई (तब बंबई) के मैजेस्टिक सिनेमा में 14 मार्च 1931 को हुआ था।[1] यह पहली भारतीय सवाक इतनी लोकप्रिय हुई कि "पुलिस को भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए सहायता बुलानी पड़ी थी"।[2]
सामान्य तथ्य आलमआरा, निर्देशक ...
आलमआरा | |
---|---|
आलमआरा का पोस्टर | |
निर्देशक | अर्देशिर ईरानी |
लेखक |
जोसेफ डेविड मुंशी जहीर (उर्दू) |
अभिनेता |
मास्टर विट्ठल जुबैदा पृथ्वीराज कपूर |
संगीतकार |
फ़िरोज़शाह मिस्त्री बहराम ईरानी |
प्रदर्शन तिथियाँ |
|
देश | भारत |
भाषा | उर्दू |
लागत | 50 हज़ार |
बंद करें