ऐनी बोलिन
From Wikipedia, the free encyclopedia
ऐनी बोलिन या (c.1501/1507 - 19 मई 1536) 1533 से 1536 तक इंग्लैंड के हेनरी अष्टम की दूसरी पत्नी और अपने आप में स्वंय और अपने वंशजों के लिए प्रथम मारकेस ऑफ़ पेमब्रोक थी। ऐनी के साथ हेनरी की शादी और उसके बाद उसके वध ने उसे धार्मिक और राजनीतिक उथल-पुथल जो अंग्रेज़ी सुधारान्दोलन का प्रारम्भ था, का महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बना दिया.
ऐनी बोलिन | |
---|---|
Queen consort of England | |
कार्यकाल | 28 मई 1533 – 17 मई 1536 |
राज्याभिषेक | 1 जून 1533 |
जीवनसंगी | हेनरी ८ |
संतान | एलिज़ाबेथ प्रथम |
घराना | ट्यूडर राजवंश |
पिता | Thomas Boleyn, 1st Earl of Wiltshire |
माता | Lady Elizabeth Howard |
धर्म | एंग्लिकन, पहले रोमन कैथोलिक[2] |
हस्ताक्षर |
विल्टशायर के प्रथम अर्ल थॉमस बोलिन और उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ बोलिन, विल्टशायर की काउंटेस की बेटी ऐनी की शिक्षा-दीक्षा नीदरलैंड और फ़्रांस में मुख्यतः क्लॉड ऑफ़ फ़्रांस की वधुसखी के रूप में हुई. अपने चचेरे आयरिश भाई जेम्स बटलर, नौवें अर्ल ऑफ़ ऑरमंड से शादी करने के लिए वह 1522 के शुरू में इंग्लैंड को लौटी लेकिन शादी की योजना विफल हुई और रानी की सखी कैथरीन ऑफ़ ऐरागॉन के दरबार में वधुसखी की पदवी प्राप्त हुई.
1525 में, हेनरी अष्टम ऐनी पर आसक्त हो गए और उससे प्रणय निवेदन शुरू हो गया। उसने उसके सभी प्रयासों का विरोध किया और अपनी बहन मैरी बोलिन की तरह उसकी रखैल बनने से इंकार कर दिया. शीघ्र ही रानी कैथरीन से अपनी शादी रद्द करने की धुन हेनरी पर सवार हो गई ताकि वह ऐनी से शादी करने को मुक्त हो जाए. जब यह स्पष्ट हो गया कि पोप क्लेमेंट सप्तम शादी रद्द नहीं करेंगे तो इंग्लैंड में कैथलिक चर्च की सत्ता चरमराने लगी.
यॉर्क के आर्कबिशप थॉमस वॉल्सी को कथित तौर पर ऐनी बोलिन के कहने पर उसके सूबा को वापस भेज दिया गया और बाद में बोलिन परिवार के पादरी थॉमस क्रैनमर को कैंटरबरी का आर्कबिशप नियुक्त किया गया। 25 जनवरी 1533 को हेनरी और ऐनी ने शादी कर ली. 23 मई 1533 को क्रैनमर ने हेनरी और कैथरीन की शादी को अमान्य घोषित किया और पांच दिन बाद हेनरी और ऐनी की शादी के वैध होने की घोषणा कर दी. शीघ्र बाद ही में, पोप ने क्रैनमर और हेनरी के खिलाफ़ बहिष्कार की सज़ा की आज्ञा सुना दी. इस शादी और बहिष्कार के परिणामस्वरूप इंग्लैंड की चर्च और रोम के बीच पहला अलगाव हुआ और इंग्लैंड की चर्च को राजा के नियंत्रण के तहत लाया गया।
1 जून 1533 को ऐनी को इंग्लैंड की महारानी का ताज पहनाया गया। ७ सितंबर को उसने भावी इंग्लैंड की एलिज़ाबेथ प्रथम को जन्म दिया. उसके पुरुष वारिस को पैदा न कर पाने पर हेनरी को निराशा हुई. हेनरी पूरी तरह से निराश नहीं था क्योंकि उसने कहा कि वह एलिज़ाबेथ से प्यार करता था और निश्चित रूप से एक बेटा पैदा होगा. तथापि तीन गर्भपात हुए और मार्च 1536 तक तो हेनरी ने जेन सेमुर से प्रणय निवेदन कर दिया था। अप्रैल-मई 1536 में, हेनरी ने उच्च राजद्रोह के लिए ऐनी की तहकीकात की. 2 मई को उसे गिरफ़्तार करके टॉवर ऑफ़ लंदन भेज दिया गया जहां समकालीनों के निर्णायक मंडल के सामने उस पर मुकदमा चलाया गया और 15 मई को उसे दोषी पाया गया। चार दिन बाद टॉवर ग्रीन में उसे मौत की सज़ा दे दी गई। आधुनिक इतिहासकार उसके खिलाफ़ व्याभिचार और कौटुम्बिक यौनाचार के आरोपों से सहमत नहीं हैं। उसकी बेटी एलिज़ाबेथ के रानी के रूप में राज्याभिषेक के बाद ऐनी को एक शहीद और अंग्रेज़ी सुधारान्दोलन की नायिका के रूप में विशेष रूप से जॉन फ़ॉक्स की कृतियों में, सम्मानित किया गया।[3]
सदियों से, अनेक कलात्मक और सांस्कृतिक कृतियों को उसने प्रेरित किया या उनमें उसका उल्लेख किया गया है। परिणामस्वरूप लोकप्रिय कल्पना पर उसने पकड़ बनाए रखी है। ऐनी को "इंग्लैंड की आजतक की सबसे प्रभावशाली और महत्वपूर्ण रानी पत्नी"[4] कहा गया है क्योंकि उसने हेनरी अष्टम को ऐरागॉन की कैथरीन से तलाक और रोम से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा का अवसर प्रदान किया।