तिब्बती साम्राज्य
७वीं से ९वीं सदी ईसवी तक चलने वाला एक साम्राज्य / From Wikipedia, the free encyclopedia
तिब्बती साम्राज्य (तिब्बती: བོད་, बोड) ७वीं से ९वीं सदी ईसवी तक चलने वाला एक साम्राज था। तिब्बत-नरेश द्वारा शासित यह साम्राज्य तिब्बत के पठार से कहीं अधिक विस्तृत क्षेत्रों पर फैला हुआ था। अपने चरम पर पश्चिम में आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान, उज़बेकिस्तान, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से लेकर बंगाल और युन्नान प्रान्त के कई भाग इसके अधीन थे।[1] इस साम्राज्य की नीव ६१८ ईसवी में सोंगत्सेन गम्पो ने रखी थी और साम्राज्य ने तेज़ी से झ़ंगझ़ुंग, तुयुहुन राज्य और कई अन्य राज्यों को विजय कर लिया।[2][3] लंगदरमा को इसका अंतिम सम्राट माना जाता है क्योंकि ८४१ ईसवी में उनकी हत्या होने के बाद साम्राज्य गृह युद्धों की चपेट में आकर खंडीत हो गया हालांकि तिब्बती राजाओं का सिलसिला इसके बाद भी जारी रहा।[4][5]
सामान्य तथ्य
तिब्बती साम्राज्य बोड (བོད་) | |||||
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अपने चरम पर तिब्बती साम्राज्य (जामुनी रंग में, ७८०-७९० ईसवी काल में) | |||||
राजधानी | ल्हासा, फो ब्रंग (ख़ानाबदोशी खेमे में दरबार) | ||||
भाषाएँ | तिब्बती भाषा | ||||
धार्मिक समूह | तिब्बती बौद्ध धर्म, बोन धर्म | ||||
शासन | पूर्ण राजशाही | ||||
ऐतिहासिक युग | मध्यकाल | ||||
- | सम्राट सोंगत्सेन गम्पो द्वारा स्थापित् | ६१८ | |||
- | लंगदरमा का देहांत | ८४१ | |||
आज इन देशों का हिस्सा है: | भारत साँचा:Country data अफ़्गानिस्तान बांग्लादेश भूटान म्यान्मार चीन नेपाल पाकिस्तान कज़ाख़िस्तान किर्गिज़स्तान ताजिकिस्तान | ||||
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