तुषारी लोग
From Wikipedia, the free encyclopedia
तुषारी या तुख़ारी (अंग्रेज़ी: Tocharian, टोचेरियन) प्राचीन काल में मध्य एशिया में स्थित तारिम द्रोणी में बसने वाली एक जाति थी। यह हिन्द-यूरोपीय भाषाएँ बोलने वाले सब से पूर्वतम लोग थे। चीनी स्रोतों के अनुसार इनका युएझ़ी लोगों से गहरा सम्बन्ध था। इनकी उत्तरी शियोंगनु लोगों से बहुत झड़पें हुई, जिसके बाद इन्होनें तारिम द्रोणी का इलाक़ा छोड़ दिया। ८०० ईसवी के बाद इस क्षेत्र में इस क्षेत्र में उइग़ुर लोग के आकर बसने पर यहाँ हिन्द-यूरोपीय भाषाएँ विलुप्त हो गई और तुर्की भाषाएँ बोली जाने लगी। अफ़्ग़ानिस्तान के तख़ार प्रांत (تخار) का नाम इसी जाति पर पड़ा है। इनका ज़िक्र संस्कृत ग्रंथों में बहुत होता है। अथर्ववेद में इन्हें शक लोगों और बैक्ट्रिया के लोगों से सम्बंधित बताया गया है।[1] इन्हें कंबोज लोगों से भी सम्बंधित बताया गया है और कुछ स्रोतों में कुषाण भी कहा गया है।[2] तुषारी लोग तुषारी भाषाएँ बोलते थे, जो अब विलुप्त हो चुकी हैं।[3] इन भाषाओँ का ज्ञान कुछ पांडुलिपियों से हुआ है जिनमें से अधिकतर ब्राह्मी लिपि पर आधारित लिपि में हैं। इस से और अन्य प्रमाणों से ज़ाहिर हुआ है कि प्राचीन भारतीय संस्कृति और तुषारी संस्कृति में गहरे सम्बन्ध रहे हैं।[4]