धर्मचक्र
दक्षिण एशियाई धर्मों का प्रतीक / From Wikipedia, the free encyclopedia
धर्मचक्र (पालि में : 'धम्मचक्क' ; शाब्दिक अर्थ : 'धर्म का पहिया') भारतीय संस्कृति में बहुतायत में प्रयोग किया जाने वाला एक प्रतीक है जो चक्र या पहिए के रूप में होता है। यह भारतीय धर्म (हिन्दू पन्थ, बौद्ध पन्थ, जैन पन्थ, सिख पन्थ) में मान्य आठ मंगलों (अष्टमंगल) में से एक है। यह प्रगति और जीवन का प्रतीक भी है।
बौद्ध पन्थ में धर्मचक्र का विशेष महत्व है। बुद्ध ने सारनाथ में जो प्रथम धर्मोपदेश दिया था उसे धर्मचक्र प्रवर्तन भी कहा जाता है। आरम्भिक काल से ही प्रायः सभी बौद्ध मन्दिरों, मूर्तियों और शिलालेखों पर धर्मचक्र का प्रयोग अलंकरण (सजावट) के रूप में किया गया मिलता है। वर्तमान में धर्मचक्र बौद्धधर्म का प्रमुख प्रतीक है।
भारत के राष्ट्रीय-ध्वज (तिरंगा-ध्वज) के मध्य की पट्टी में धर्मचक्र अशोक चक्र रखा गया है। यूनिकोड में धर्मचक्र के लिये एक संकेत प्रदान किया गया है और उसका यूनिकोड है - U+2638 (☸).