भारत में पवन ऊर्जा
भारत में पवन ऊर्जा का अवलोकन / From Wikipedia, the free encyclopedia
भारत में पवन ऊर्जा का विकास 1990 के दशक में शुरू हुआ और पिछले कुछ वर्षों में इसमें काफी वृद्धि हुई है। ३१ मार्च २०२३ को भारत में पवन ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 42.633 जीगावाट (GW) थी। पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता के अनुसार विश्व में भारत चौथे स्थान पर है। भारत में पवन ऊर्जा मुख्यतः दक्षिणी, पश्चिमी और पूर्वोत्तर राज्य में उत्पादित हो रही है। [2]
यथा 31 अक्टूबर 2009, भारत में स्थापित पवन ऊर्जा की क्षमता 11806.69[3] मेगावाट थी, जो मुख्य रूप से तमिलनाडु (4900.765 मेगावाट)[4], महाराष्ट्र (1945.25 मेगावाट), गुजरात (1580.61 मेगावाट), कर्नाटक (1350.23 मेगावाट) राजस्थान (745.5 मेगावाट), मध्य प्रदेश (212.8 मेगावाट), आन्ध्र प्रदेश (132.45 मेगावाट), केरल (46.5 मेगावाट), ओडिशा (2MW),[5][6] पश्चिम बंगाल (1.1 मेगावाट) और अन्य राज्यों (3.20 मेगावाट)[7] में फैली हुई थी। ऐसा अनुमान है कि 6,000 मेगावाट की अतिरिक्त पवन ऊर्जा को वर्ष 2012 तक भारत में स्थापित किया जाएगा।[8] भारत में स्थापित कुल ऊर्जा क्षमता का 6% पवन ऊर्जा से प्राप्त होता है और देश की ऊर्जा का 1% इससे उत्पन्न होता है।[9] भारत पवन एटलस तैयार कर रहा है।[10]