सिबिर ख़ानत
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सिबिर ख़ानत (तातार: Себер ханлыгы, सेबेर ख़ानलीगी; अंग्रेज़ी: Khanate of Sibir) मध्य साइबेरिया में स्थित एक तुर्की-मंगोल ख़ानत (राज्य) थी। यह कभी मंगोल साम्राज्य, श्वेत उर्दू और सुनहरे उर्दू का भाग हुआ करती थी। बाद में इसपर चंगेज़ ख़ान के ज्येष्ठ पुत्र जोची ख़ान के पाँचवे बेटे शेयबान के वंशजों की दो शाखाओं - शेयबानीयों और ताइबुगीयों - में लड़ाईयाँ होती रही। यह ख़ानत १४९० से १५९८ तक अस्तित्व में थी।
सिबिर ख़ानत में साइबेरियाई तातार, ख़ान्ती, मान्सी, नेनेत्स और सेलकूप लोगों की मिश्रित आबादी रहती थी। औपचारिक रूप से इस्लाम इसका राजधर्म था और यह इतिहास का सबसे उत्तरी मुस्लिम राज्य रहा है। सन् १५८२ में रूसी त्सार-राज्य के शासक ईवान भयानक की फ़ौजों ने येरमाक तिमोफ़ेयेविच के नेतृत्व में इस ख़ानत पर हमला किया। इसके बाद रूस इसपर नियंत्रण पाने की कोशिश करता रहा और अंत में इसपर १५९८ में पूरी तरह क़ब्ज़ा कर लिया।[1] इसपर क़ाबू पाने के उपरान्त रूस के लिए साइबेरिया में दूर तक फैल पाना संभव हो गया।[2]