टाइटैनिक
एक ब्रिटिश जहाज़ जो 1912 में डूब गया। / From Wikipedia, the free encyclopedia
RMS टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प आधारित यात्री जहाज था। वह साउथम्पटन (इंग्लैंड) से अपनी प्रथम यात्रा पर, 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ। चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक हिमशिला से टकरा कर डूब गया जिसमें 1,517 लोगों की मृत्यु हुई जो इतिहास की सबसे बड़ी शांतिकाल समुद्री आपदाओं में से एक है।[9]
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देश ( यूनाइटेड किंगडम) | वाइट स्टार लाइन [1] |
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स्वामी: | वाइट स्टार लाइन[2] |
Operator: | कप्तान एडवर्ड जे स्मिथ |
Port of registry: | [3] Liverpool |
Route: | साउथैम्प्टन से न्यूयॉर्क नगर तक |
Ordered: | 31 जुलाई 1908[2] |
निर्माता: | हारलैंड तथा वोल्फ yards in Belfast, Ireland[2] |
Yard number: | 401[4] |
निर्दिष्ट: | 31 मार्च 1909[2] |
लांच: | 31 मई 1911[2] |
Christened: | Not Christened |
Completed: | 31 मार्च 1912 |
Maiden voyage: | 10 अप्रैल 1912[4] |
In service: | 1912[2] |
Identification: |
रेडियो कॉलसाइन "MGY" UK Official Number: 131428[5] |
Fate: | Sank on 15 अप्रैल 1912 after hitting an iceberg in middle of Atlantic Ocean[2] |
सामान्य विशेषताएँ | |
वर्ग एवं प्रकार: | Olympic-class ocean liner[4] |
टनधारिता: | साँचा:GRT[2] |
विस्थापन: | 52,310 tons[4] |
लम्बाई: | 882 फीट 9 इंच (269.1 मी॰)[6] |
बीम: | 92 फीट 0 इंच (28.0 मी॰)[6] |
ऊंचाई: | 175 फीट (53.3 मी॰) (Keel to top of funnels) |
Draught: | 34 फीट 7 इंच (10.5 मी॰)[2] |
Depth: | 64 फीट 6 इंच (19.7 मी॰)[6] |
Decks: | 9 (Lettered A through G) |
स्थापित शक्ति: |
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प्रणोदन: |
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चाल: | |
क्षमता: |
Passengers and crew (fully loaded):
Staterooms (840 total):
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Crew: | 860[2] |
Topics about Titanic | |
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ओलंपिक श्रेणी का यात्री लाइनर टाइटैनिक व्हाइट स्टार लाइन के हस्तगत में था और उसका निर्माण Belfast (Ireland) के Harland ओर Wolff शिपयार्ड में किया गया था। वह 2,223 यात्रिओ के साथ न्यूयॉर्क शहर के लिए रवाना हुआ था। यह तथ्य है कि जब जहाज डूबा उस वक्त, जहाज पर उस समय के सभी नियमों का पालन करने के बावजूद केवल 1,178 लोगों के लिए जीवनरक्षक नौका थी। पुरुषो के मृत्यु की असंगत संख्या का मुख्य कारण महिलाओं और बच्चों को पहले प्रधानता देना था।
टाइटैनिक के डूबने का मुख्य कारण अत्यधिक गति से चलना था। (टाइटैनिक) के मालिक J. Bruce Ismay जे .ब्रूस इस्मे ने जहाज के कप्तान Edward Smith को जहाज को अत्यधिक गति से चलाने के लिए कहा था। 12 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक को 6 बर्फ की चट्टानों की चेतावनिया मिली थी। कप्तान को लगा की बर्फ की चट्टान Ice Berg आने पर जहाज मुड जाएगा। परन्तु बद्किस्मती से जहाज बहुत बड़ा था और राडार छोटा था। बर्फ की चट्टान आने पर वह अधिक गति के कारण समय पर नहीं मुड पाया और चट्टान (एक अनुमान के मुताबिक यह चट्टान करीब 10,000 साल पहले ग्रीनलैंड से अलग हुई थी) से जा टकराया। जिससे जहाज के आगे के हिस्से में छेद हो गए और लगभग 11:40 p.m. पर वो डूबने लगा। तक़रीबन 2:20 a.m. पर वो पूरा समुन्द्र में समां गया। जिस सागर में वह डूबा था उसके जल का तापमान -2℃ था जिसमें किसी साधारण इंसान को 20 मिनट से ज़्यादा जिन्दा रहना नामुमकिन था।इसके ऊपर एक फिल्म भी बनाई गई है।
टाइटैनिक उस समय के सबसे अनुभवी इंजीनियरों के द्वारा डिजाइन किया गया था और इसके निर्माण में उस समय में उपलब्ध सबसे उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल किया गया था। यह कई लोगो के लिए एक बड़ा आघात था कि व्यापक सुरक्षा ओर सुविधाओं के बावजूद, टाइटैनिक डूब गया था। आवेश में आयी हुई मीडिया की ओर से टाइटैनिक के प्रसिद्ध आरोपी, जहाज के डूबने का उपाख्यान, समुद्री कानूनों का भंग ओर जहाज के मलबे की खोज ने लोगो की टाइटैनिक में रुचि जगाने में काफी योगदान दिया।