मेथेनॉल
From Wikipedia, the free encyclopedia
मेथेनॉल (Methanol) एक कार्बनिक यौगिक है जिसका अणुसूत्र CH3OH है। इसे 'मेथिल अल्कोहल', 'काष्ठ अल्कोहल', 'काष्ठ नैफ्था', मेथिल हाइद्रेट' और 'काष्ठ स्पिरिट' भी कहते हैं। इसको 'काष्ठ अल्कोहल' इसलिये कहते थे क्योंकि एक समय में यह प्रायः लकड़ी के भंजक आसवन से प्राप्त की जाती थी। आजकल इसका उत्पादन एक उत्प्रेरकीय औद्योगिक प्रक्रम के द्वारा होता है जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइद, कार्बन डाइऑक्साइद और हाइड्रोज प्रयुक्त होते हैं।
मेथेनॉल | |
---|---|
प्रणालीगत नाम | Methanol[1] |
अन्य नाम | Carbinol Columbian spirits |
पहचान आइडेन्टिफायर्स | |
सी.ए.एस संख्या | [67-56-1][CAS] |
पबकैम | 887 |
EC संख्या | 200-659-6 |
UN संख्या | 1230 |
केईजीजी | D02309 |
MeSH | Methanol |
रासा.ई.बी.आई | 17790 |
RTECS number | PC1400000 |
SMILES | CO |
InChI | 1/CH4O/c1-2/h2H,1H3 |
Beilstein Reference |
1098229 |
जी-मेलिन संदर्भ | 449 |
कैमस्पाइडर आई.डी | 864 |
3DMet | {{{3DMet}}} |
गुण | |
आण्विक सूत्र | CH3OH |
मोलर द्रव्यमान | 32.04 g mol−1 |
दिखावट | Colorless liquid |
घनत्व | 0.792 g·cm−3[2] |
गलनांक |
-97.6 °C, 176 K, -144 °F |
क्वथनांक |
64.7 °C, 338 K, 148 °F |
log P | -0.69 |
वाष्प दबाव | 13.02 kPa (at 20 °C) |
अम्लता (pKa) | 15.5[3] |
रिफ्रेक्टिव इंडेक्स (nD) | 1.33141[4] |
श्यानता | 0.545 mPa×s (at 25 °C) [5] |
Dipole moment | 1.69 D |
खतरा | |
EU वर्गीकरण | साँचा:Hazchem F साँचा:Hazchem T |
NFPA 704 | |
R-फ्रेसेज़ | R11, साँचा:R23/24/25, साँचा:R39/23/24/25 |
S-फ्रेसेज़ | (S1/2), साँचा:S7, S16, एस३६/३७, S45 |
Explosive limits | 6%-36%[6] |
यू.एस अनुज्ञेय अवस्थिति सीमा (पी.ई.एल) |
TWA 200 ppm (260 mg/m3)[6] |
एलडी५० | 5628 mg/kg (rat, oral) 7300 mg/kg (mouse, oral) 12880 mg/kg (rat, oral) 14200 mg/kg (rabbit, oral)[7] |
जहां दिया है वहां के अलावा, ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं। ज्ञानसन्दूक के संदर्भ |
मेथेनॉल सबसे सरल अल्कोहल है। यह हल्का, वाष्पशील, रंगहीन, ज्वलनशील, द्रव है जिसकी गन्ध एथेनॉल (पेय अल्कोहल) जैसी होती है। .[8] किन्तु मेथेनॉल अत्यन्त विषैला है और पीने के लिये बिल्कुल अनुपयुक्त है। इसके पीने से मनुष्य मर सकता है और मरने से पहले वह अंधा होता है। सामान्य ताप पर यह द्रव अवस्था में होता है। इसका उपयोग एन्टीफ्रीज, विलायक, ईंधन, आदि के रूप में होता है। यह एथेनॉल के विकृतिकारक (denaturant) के रूप में भी प्रयुक्त होता है। यह बायोडीजल के उत्पादन में भी उपयोगी है।