मेसोथेलियोमा
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मेसोथेलियोमा, अधिक स्पष्ट रूप से असाध्य मेसोथेलियोमा (Malignant Mesothelioma), एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो शरीर के अनेक आंतरिक अंगों को ढंककर रखनेवाली सुरक्षात्मक परत, मेसोथेलियम, से उत्पन्न होता है। सामान्यतः यह बीमारी एस्बेस्टस के संपर्क से होती है।[1]
Mesothelioma वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
Left sided mesothelioma with mediastinal node enlargement : CT scan. | |
आईसीडी-१० | C45. |
आईसीडी-९ | 163 |
ICD-O: | M9050/3-9055 |
ओएमआईएम | 156240 |
डिज़ीज़-डीबी | 8074 |
मेडलाइन प्लस | 000115 |
ईमेडिसिन | med/1457 |
एम.ईएसएच | D008654 |
प्लुरा (फेफड़ों और सीने के आंतरिक भाग का बाह्य-आवरण) इस बीमारी का सबसे आम स्थान है, लेकिन यह पेरिटोनियम (पेट का आवरण), हृदय,[2] पेरिकार्डियम (हृदय को घेरकर रखने वाला कवच) या ट्युनिका वेजाइनलिस (Tunica Vaginalis) में भी हो सकती है।
मेसोथेलियोमा से ग्रस्त अधिकांश व्यक्ति या तो ऐसे स्थानों पर कार्यरत थे जहां श्वसन के दौरान एस्बेस्टस और कांच के कण उनके शरीर में प्रवेश कर गये या फिर वे अन्य तरीकों से एस्बेस्टस कणों और रेशों के संपर्क में आए. यह संभावना भी व्यक्त की जाती रही है कि एस्बेस्टस या कांच के साथ कार्य करने वाले किसी पारिवारिक सदस्य के कपड़े धोने के कारण भी किसी व्यक्ति में मेसोथेलियोमा विकसित होने का जोखिम उत्पन्न हो सकता है।[3] फेफड़ों के कैंसर के विपरीत, मेसोथेलियोमा और धूम्रपान के बीच कोई संबंध नहीं है, लेकिन धूम्रपान के कारण एस्बेस्टस-प्रेरित अन्य कैंसरों का जोखिम अत्यधिक बढ़ जाता है।[4] एस्बेस्टस के संपर्क में आने वाले लोग एस्बेस्टस संबंधी बीमारियों, मेसोथेलियोमा सहित, के लिये क्षतिपूर्ति हासिल करने हेतु अक्सर वकीलों की सहायता लेते रहे हैं। एस्बेस्टस फंड या कानूनी मुकदमों के माध्यम से मिलने वाला हर्जाना मेसोथेलियोमा में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है (एस्बेस्टस और कानून देखें).
मेसोथेलियोमा के लक्षणों में प्लुरल रिसाव (फेफड़ों और सीने की दीवार के बीच द्रव) या सीने में होने वाले दर्द के कारण सांस लेने में तकलीफ तथा सामान्य लक्षण, जैसे वजन में कमी आना, शामिल हैं। सीने के एक्स-रे तथा सीटी स्कैन (CT Scan) से इसके निदान का अनुमान किया जा सकता है और बायोप्सी (ऊतकों के नमूने) तथा सूक्ष्मदर्शी परीक्षण से इसकी पुष्टि हो सकती है। बायोप्सी लेने के लिये थोरैकोस्कोपी (कैमरेयुक्त एक नली को सीने में डालना) का प्रयोग किया जा सकता है। यह प्लुरल भाग (जिसे प्लुरोडेसिस कहा जाता है) को पोछने के लिये टैल्क (Talc) जैसे पदार्थों के प्रयोग की भी अनुमति देता है, जिससे और अधिक द्रव को एकत्रित होने व फेफड़ों पर दबाव डालने से रोका जा सके। कीमोथेरपी, रेडियेशन थेरपी और कभी-कभी शल्य चिकित्सा के द्वारा किये जाने वाले उपचार के बावजूद इस बीमारी का निदान बहुत कम ही हो पाता है। मेसोथेलियोमा की शीघ्र पहचान के लिये स्क्रीनिंग परीक्षणों के बारे में अनुसंधान जारी है।