मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी)
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मैरी, स्कॉटों की रानी अंग्रेज़ी: Mary, Queen of Scots (8 दिसम्बर 1542 – 8 फरवरी 1587), को मैरी स्टुअर्ट [3] या Mary I of Scotland के नाम से भी जाना जाता है, १४ दिसम्बर १५४२ से २४ जुलाई १५६७ तक स्कॉटलैंड की रानी व शासक थीं। वह १० जुलाई १५५९ से ५ दिसम्बर १५६० तक फ्रांस के राजा फ्रांसिस २ की पत्नी के तौर पर फ्रांस की भी रानी रहीं।
मैरी स्टुअर्ट | |
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स्कॉटलैंड की रानी | |
शासनावधि | 14 दिसम्बर 1542 – 24 जुलाई 1567 |
राज्याभिषेक | 9 सितम्बर 1543 |
पूर्ववर्ती | जेम्स V |
उत्तरवर्ती | जेम्स VI |
राज्याधिकारी | जेम्स हैमिल्टन, ऐरन का दूसरा अर्ल (1542–1554) गुइज़ की मैरी (1554–1560) |
फ्रांस की रानी | |
शासनकाल | 10 जुलाई 1559 – 5 दिसम्बर 1560 |
जन्म | 8 दिसम्बर 1542[1] लिन्लिथगो महल, लिन्लिथगो |
निधन | 8 फ़रवरी 1587(1587-02-08) (उम्र 44)[2] फोथरिंघे किला, नॉर्थहैम्पटनशायर |
समाधि | पीटरबोरो कैथेड्रल; वेस्टमिंस्टर ऐबी |
जीवनसंगी | फ्रांसिस २ (फ्रांस के राजा) वि. 1558; अल. 1560 हेनरी स्टुअर्ट, लॉर्ड डार्न्ले वि. 1565; अल. 1567 जेम्स हेपबर्न, बोथवेल का चौथा अर्ल वि. 1567; अल. 1578 |
संतान | जेम्स ६ |
घराना | स्टुअर्ट राजघराना |
पिता | जेम्स ५ (स्कॉटलैंड के राजा) |
माता | गुइज़ की मैरी |
धर्म | कैथोलिक इसाई |
हस्ताक्षर |
मैरी अपने पिता जेम्स ५ की एकलौती बची हुई संतान थीं जब वह मात्र छ: दिन की आयु की मैरी को पीछे छोडकर चल बसे। मैरी स्कॉटलैंड की गद्दी की उत्तराधिकारी थीं। मैरी ने अपना अधिकांश बचपन घर से दूर फ्रांस में बिताया। १५५८ में फ्रांस के राजा फ्रांसिस २ से शादी और फिर १५६० में उनकी मृत्यु के बाद १९ अगस्त १५६१ को स्कॉटलैंड लौटने से पहले वहाँ कार्यकारी शासक सत्ता संभाल रहे थे। चार साल बाद उन्होंने अपने चचेरे भाई हेनरी स्टुअर्ट, लॉर्ड डार्न्ले से शादी कर ली लेकिन उनका यह रिश्ता खुशियों भरा नहीं था। फरवरी १५६७ में उनका घर एक विस्फोट में ध्वस्त हो गया और डार्न्ले को बागीचे में मृत पाया गया।
ऐसा माना जाता है कि जेम्स हेपबर्न ने डार्न्ले की हत्या की साजिश रची थी लेकिन अप्रैल १५६७ में उसे आरोप मुक्त कर दिया गया, इसके अगले ही महीने उसने मैरी से विवाह कर लिया। इस नवदंपत्ति के विरुद्ध शुरु हुए विरोध के फलस्वरूप मैरी को लोक लेवेन किले में बंदी बना लिया गया। २४ जुलाई १५६७ को उन्हें डार्न्ले से अपने १ वर्षीय प्रथम पुत्र जेम्स ६ के लिये गर्भपात करने को मजबूर किया गया। दुबारा सत्ता हासिल करने के असफल प्रयास करने के बाद वो दक्षिण की तरफ इंग्लैंड में अपनी ममेरी फुआ[4] एलिज़ाबेथ प्रथम से सहायता हासिल करने के लिए भाग गयीं। मैरी ने पहले एलिज़ाबेथ की गद्दी पर अपना अधिकार बताया था और उन्हें ही इंग्लैंड के तमाम कैथोलिक गिरिजाघरों व राइज़िंग ऑफ द नॉर्थ (उत्तर का उदय) संगठन के विद्रोहियों ने इंग्लैंड की सत्ता का उचित व वैद्द उत्तराधिकारी माना था। मैरी को अपने लिए खतरा मानते हुए एलिज़ाबेथ ने उन्हें इंग्लैंड व वेल्स के तमाम किलों व घरों में बंदी बना के रखा। १८.५ वर्षों के कारावास के बाद उन्हें एलिज़ाबेथ की हत्या का साजिश रचने का दोषी पाया गया और परिणामस्वरूप मृत्युदंड दे दिया गया।