राजस्थानी भाषा
राजस्थानी भाषा भारत के राजस्थान राज्य और हरियाणा, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश के निकटवर्ती क्षे / From Wikipedia, the free encyclopedia
राजस्थानी आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है, जिसका वास्तविक क्षेत्र वर्तमान राजस्थान प्रान्त तक ही सीमित न होकर मध्यप्रदेश के कतिपय पूर्वी तथा दक्षिणी भाग में और पाकिस्तान के वहावलपुर जिले तथा दूसरे पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी सीमा प्रदेशों में भी है। यह हरियाणा, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश[3] के निकटवर्ती क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओं और बोलियों का समूह है। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में भी इसके वक्ता हैं। राजस्थानी पश्चिमी इंडो-आर्यन भाषा होने के कारण पड़ोसी, संबंधित हिंदी भाषाओं से अलग भाषा है। यह भाषा भारत में लगभग नौ करोड़ लोगों के द्वारा बोली, लिखी एवं पढ़ी जाती है।
राजस्थानी | ||||
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Rājasthānī | ||||
राजस्थानी के प्रयोग के आधार पर नक़्शा | ||||
बोलने का स्थान | राजस्थान और भारत में इसके आस-पास के क्षेत्र, पाकिस्तान के सिंध और पंजाब के कुछ हिस्सों में | |||
समुदाय | राजस्थानी | |||
मातृभाषी वक्ता | ९,००,००,००० | |||
भाषा परिवार | ||||
उपभाषा | ||||
लिपि | देवनागरी | |||
भाषा कोड | ||||
आइएसओ 639-2 | raj | |||
आइएसओ 639-3 | raj | |||
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राजस्थानी नागरी लिपि में लिखी जाती है। इसके अतिरिक्त यहाँ के पुराने लोगों में अब भी एक भिन्न लिपि प्रचलित है, जिसे "बाण्याँ वाटी" कहा जाता है। इस लिपि में प्रायः मात्रा-चिह्र नहीं दिए जाते। राजस्थानी बनिये आज भी बहीखातों में इस लिपि का प्रयोग करते हैं।