शाकम्भरी शक्तिपीठ
From Wikipedia, the free encyclopedia
शक्तिपीठ शाकम्भरी देवी मंदिर उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर मे अवस्थित एक महाशक्तिपीठ है।
शाकम्भरी देवी महाशक्तिपीठ शाकुम्भरी देवी सहारनपुर | |
---|---|
शाकुम्भरी देवी मंदिर | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | शाकम्भरी शताक्षी, भीमा देवी,भ्रामरी देवी |
त्यौहार | नवरात्र दुर्गा अष्टमी, चतुर्दशी, पौष पुर्णिमा, शाकम्भरी नवरात्र |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | सहारनपुर |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
देश | भारत |
लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 422 पर: No value was provided for longitude। | |
वास्तु विवरण | |
निर्माता | महाभारतकाल से पूर्व |
निर्माण पूर्ण | जसमौर रियासत के शासक |
कामाख्या, रजरप्पा पीठ, तारापीठ, विंध्याचल पीठ की भांति यह भी एक सिद्ध पीठ है क्योंकि यहाँ माँ की प्रतिमा स्वयं सिद्ध है जोकि दुर्लभ क्षेत्रों मे ही होती है, केदारखंड के अनुसार यह शाकम्भरी क्षेत्र है जिसकी महिमा अपार है। ब्रह्मपुराण मे इस पीठ को सिद्धपीठ कहा गया है अनेकों पुराणों और आगम ग्रंथों में यह पीठ परम पीठ, शक्तिपीठ,सतीपीठ और सिद्धपीठ नामों से चर्चित है। यह क्षेत्र भगवती शताक्षी का सिद्ध स्थान है। इस परम दुर्लभ तीर्थ क्षेत्र को पंचकोसी सिद्धपीठ कहा जाता है।भगवती सती का शीश इसी क्षेत्र मे गिरा था इसलिए इसकी गणना देवी के प्रसिद्ध शक्तिपीठों मे होती है। उत्तर भारत की नौ देवियों की प्रसिद्ध यात्रा माँ शाकम्भरी देवी के दर्शन बिना पूर्ण नही होती। शिवालिक पर्वत पर स्थित यह शाकम्भरी देवी का सबसे प्राचीन तीर्थ है। शाकम्भरी यत्र जाता मुनिनात्राण कारणात। तस्य पीठं परम पीठं सर्वपाप प्राणशनं। गत्वा शाकम्भरी पीठें नत्वा शाकम्भरी तथा। (केदारखंड) स्कंदपुराण
दुर्गा शाकम्भरी माँ शक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिन्हें देवी, शक्ति और पार्वती,जगदम्बा और आदि नामों से भी जाना जाता हैं । [1][2]