मुंबई पुणे द्रुतगतीमार्ग (यशवंतराव चव्हाण द्रुतगतीमार्ग; स्थानिक प्रचलित नाव : एक्सप्रेसवे) हा भारत देशामधील सर्वात पहिला नियंत्रित-प्रवेश महामार्ग आहे. २००२ साली बांधून पूर्ण झालेला हा ९४.५ किमी लांबीचा गतिमार्ग मुंबई व पुणे ह्या महाराष्ट्रातील सर्वात मोठया दोन शहरांना जोडतो. कोणताही अडथळा, काटरस्ता अथवा वाहतूक नियंत्रक सिग्नल नसलेल्या ह्या मार्गामुळे सुसाट वेगाने प्रवास करण्याची ओळख भारतवासीयांना झाली. सध्या हा भारतामधील सर्वात वर्दळीच्या महामार्गांपैकी एक आहे. २००९ साली मुंबई–पुणे गतिमार्गाला महाराष्ट्राचे पहिले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण ह्यांचे दिले गेलेले नाव वापरले जात नाही..
जलद तथ्य मुंबई–पुणे द्रुतगतीमार्ग, मार्ग वर्णन ...
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पुणे–मुंबई द्रुतगती मार्ग |
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किमी |
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पुण्याकडून |
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0 |
द्रुतगती मार्ग आरंभ |
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7.6 |
सोमाटणे फाटा |
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11 |
तळेगाव टोल नाका |
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22.1 |
कामशेत-२ बोगदा(१९१ मी) |
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23.3 |
कामशेत-१ बोगदा(९३५ मी) |
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43.9 |
खंडाळा |
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46.6 |
खंडाळा बोगदा(३२० मी) |
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51.9 |
आडोशी बोगदा (२३० मी) |
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60.4 |
खालापूर टोल नाका |
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67.7 |
माडप बोगदा(२९५ मी) |
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70 |
पाताळगंगा नदी |
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78.3 |
भातन बोगदा(१०४६ मी) |
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84.6 |
शेडुंग फाटा |
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93.1 |
द्रुतगती मार्ग समाप्त |
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नवी मुंबईकडे |
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मुंबई–पुणे एक्सप्रेसवेमुळे मुंबई पुणे हा १४८ किमी लांबीचा प्रवास ४-५ तासांवरून २ तासांवर आला. मुंबई-पुणे प्रवास करणारी बहुतांश खाजगी वाहने, एस.टी. बसेस, खाजगी परिवहन बसेस तसेच मालवाहू वाहने एक्सप्रेसवेचा वापर करतात.