चीनी भावचित्र
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हान-त्स् अथवा चीनी भावचित्र (चीनी भाषा: 汉字) चीनी भाषा और (कुछ हद तक) जापानी भाषा लिखने के लिए इस्तेमाल होने वाले भावचित्र होते हैं। इन्हें चीनी के लिए जब प्रयोग किया जाए तो यह हान-त्स्(汉字/漢字, Hànzì) कहलाते हैं और जब जापानी के लिए प्रयोग किया जाए तो कान्जी (जापानी: 漢字) कहलाते हैं। पुराने ज़माने में इनका प्रयोग कोरियाई भाषा और वियतनामी भाषा के लिए भी होता था। चीनी भावचित्र दुनिया की सब से पुरानी चलती आ रही लिखने की विधि है।[1]
वैसे तो चीनी में दसियों हज़ार भावचित्र हैं, लेकिन इन में से अधिकतर केवल ऐतिहासिक लिखाइयों में देखने को मिलते हैं। अध्ययन से पता चला है कि साधारण चीनी में साक्षर होने के लिए तीन से चार हज़ार भावचित्रों का जानना काफ़ी है। हर चीनी भावचित्र के साथ एक उच्चारण और एक अर्थ जुड़ा होता है और ज़्यादातर चीनी शब्द दो भावचित्रों के साथ लिखे जाते हैं (हालांकि कुछ सरल शब्द एक से भी लिखे जाते हैं)। यह ध्यान रहे कि उच्चारण उपभाषा और भाषा के साथ बदलता है। यह देवनागरी लिपि कि तरह नहीं है कि किसी अक्षर का हर जगह वही उच्चारण हो। इसे समझने के लिए सोचिये कि अगर कोई पहाड़ का चित्र देखे तो वह सबको समझ आ जाएगा, लेकिन हिंदी बोलने वाला उस शब्द को 'पर्वत' कहेगा, फ़ारसी बोलने वाला 'कोह' कहेगा और अंग्रेज़ी बोलने वाला 'माऊन्टेन' कहेगा।